सहज कृषि पद्यति
सहज कृषि पद्यति
जिस बीज को बोना है एक बर्तन में उस बीज का थोड़ा भाग ले लें और उसे श्री माताजी के सामने शाम को ही रख दें (यदि सम्भव हो तो पूरा बीज भी रख सकते हैं)।
एक बाल्टी या लोटे में पानी को रखें।
श्री माताजी के सामने ध्यान में बैठें।
ध्यान पूरा कर लेने के बाद : ऊँ त्वमेव साक्षात श्री शाकम्भरी देवी साक्षात का मंत्र लेवें।
ऊँ त्वमेव साक्षात श्री शाकम्भरी देवी साक्षात
श्री आदि शक्ति माताजी, श्री निर्मला देवी देवी नमो नमः।
भूमि देवी व जल देवता का मंत्र लें:
ऊँ त्वमेव साक्षात श्री अदि भूमि देवी साक्षात
श्री आदि शक्ति माताजी, श्री निर्मला देवी देवी नमो नमः।
ऊँ त्वमेव साक्षात श्री जल देवता साक्षात
श्री आदि शक्ति माताजी, श्री निर्मला देवी देवी नमो नमः।
श्री माताजी से प्रार्थना करें कि:
श्री माताजी आप साक्षात हरियाली एवं वन की देवी हैं
कृपया इस बीज व पानी को अपने चैतन्य से आशीर्वादित किजिए जिससे यह बीज पूर्ण रूप से विकसित एवं उपजमय हो जाय।
खेत की मिट्टी को भी श्री माताजी के समक्ष रख सकतें हैं।
दूसरे दिन सुबह फिर ध्यान के बाद श्री माताजी से अनुमति लेकर खेत पर जाकर गणेश अथर्वशीर्ष पढ़कर बुवाई कर दें।
श्री माताजी से प्रार्थना कर दें कि आप अपनी सुरक्षा में बीज को फसलों के अच्छे उत्पादन का आशीर्वाद दें।
बीच-बीच में खेत पर जाकर चारों तरफ घूमकर गणेश अथर्वशीर्ष पढें, शाकम्भरी देवी का मंत्र कहें, और श्री माताजी को सौंप दें – कि फसल आपकी सुरक्षा में बिना नुकसान के तैयार कर दें।
हो सके तो फसल तैयारी में होने पर श्री माताजी के सामने जल चैतन्यित करके खेत में या छिड़कने वाली मशीन से फसलों पर छिड़काव करें।
पानी खेत में देते वक्त चैतन्यित पानी के साथ मिलाकर खेत में दें।