सहज कृषि का सार
श्री माताजी ने बतलाया कि वाइब्रेशन [चैतन्य ‘लहरियां/स्पंद ] एक जीवलन्त प्रक्रिया हैं जो सोचती है और कार्य करती है । जिस प्रकार लोहे पर चुम्बक का प्रभाव होता है, उसी प्रकार यह कार्य करती है। इन चैतन्य लहरियों का प्रभाव जीवन्त चीजों पर क्रमश: पृथ्वी, पानी, वनस्पति, वातावरण के साथ-साथ मानव के उत्थान पर भी पड़ता हैं |
अत: हम सहज कृषि को बागवानी, फल, फूल, सब्जी, मसाले, औषधियाँ, पशुपालन, मधुमक्खी पालन, वर्मी कम्पोस्ट, मुर्गी पालन, मशरूम, मछली पालन इत्यादि में प्रयोग कर अधिक गुणवत्ता वाले उत्पाद प्राप्त करके खुशहाल हो सकते हैं।
जब हम ध्यान करते हैं, तो हमारे चक्र साफ हो जाते हैं, शुद्ध और संतुलित होते हैं – जिसके कारण हमारे शरीर की विभिन्न बीमारियां (शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक) भी ठीक हो जाती हैं। इसलिए शुद्ध, प्रामाणिक ध्यान के फलस्वरूप, हमारी अन्य सभी समस्याएं भी हल हो जाती हैं।
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