श्रीमाताजी श्री निर्मला देवी के सहज कृषि पर उदगार
श्रीमाताजी श्री निर्मला देवी के सहज कृषि पर उदगार
~ सी.डी – पब्लिक प्रोग्राम 1986 लखनऊ
1. राहुरी में सहज कृषि पर सराहनीय कार्य हुआ। राहुरी में सूरजमुखी बड़ी साईज 2 फुट व्यास की हुई जो कि आम आदमी को उठाने में दिक्कत महसूस हुई।
2. राहुरी में श्री चौहान/ प्रो. सैंगरी ने कृषि क्षेत्र में अच्छा कार्य किया जिसम बतलाया कि गेहूँ व सूरजमुखी में कृषि उत्पादन 2 गुना तक बढा।
~ कैसेट- परमात्मा के प्रेम का अनुभव विज्ञान के आगे का ज्ञान, दिनाक 26.2.1975, मुम्बई ।
1. चैतन्यमय पानी को कुंए में डालकर फसल में काम लेने पर ज्यादा उत्पादन हुआ।
2. राहुरी (महाराष्ट्र) में कृषि वैज्ञानिकों ने बतलाया कि चैतन्यमय पानी उपयोग करने के बाद पैदा हुये अनाज को गोदाम में चुहों ने दांत तक नहीं लगाया ना ही नुकसान पहुँचाया जबकि उसी गोदाम में बिना चैतन्यमय अनाज को चुहों ने नुकसान पहुँचाया।
~ सीडी – महादेवी पूजा, कलकत्ता 1986
1. कलकत्ता में शाकम्भरी देवी की शक्ति जागृत हुई। इससे यहाँ आस-पास बहुत हरियाली दिखाई दे रही है। ……. प्रकृति ने बहुत सुन्दर फूल दिये हैं 40 तरह के फूल पाये जाते हैं, जो अपनी सुगंध आस-पास फैला रहे हैं।
~ स्टेट कोर्डिनेटर सेमिनार – गणपतिपुले , जनवरी 2002
1. सहज कृषि (एग्रीकल्चर) प्रोजेक्ट राजस्थान में अच्छा कार्य कर रहा है।
~ सी.डी. – संक्रान्ति और सूर्यदेवका महत्त्व, दिनांक 14.2.996
1. सहजयोगी का परम कर्त्तव्य कि पेड लगाये, बाग-बगीचे लगायें।
2. सहजयोगी के हाथ में चैतन्य है अगर पानी देगा तो शस्य-श्यामला बढेगी।
~ गुडी पडवा पूजा 5 अप्रैल 2000, नाऐडा, भारत
नवरात्रा में शाकम्भरी देवी का प्रार्दुभाव हुआ उनमें यह शक्ति थी जो उपज बढाती है, उसका प्रभाव खेती-बाड़ी में दिखाई देता है इसमें बड़े-बड़े साईज के बैंगन व टमाटर मिले | ककड़ी भी बड़ी साईज की पैदा हुई।